अक्सर,जब मै प्रेम मे होता हूँ,जब मै पीड़ा मे होता हूँ,मै मौन होता हूँ....... अक्सर,जब मै प्रेम मे होता हूँ,जब मै पीड़ा मे होता हूँ,मै मौन होता हूँ.......
कवि नहीं हूँ फिर भी लिख रहा हूँ कविता नहीं अपनी पीड़ा को रच रहा हूँ कवि नहीं हूँ फिर भी लिख रहा हूँ कविता नहीं अपनी पीड़ा को रच रहा हूँ
जब इंसान ही करते सिर्फ़ अपने मन की। जब इंसान ही करते सिर्फ़ अपने मन की।
इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस। इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस।
हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं। हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं।
तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! एक दिन कोई तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! ...